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पूजा या कोई शुभ कार्य करते समय महिलाएं अपना सिर क्यों ढक लेती हैं? हम गारंटी देते हैं कि आपको असली कारण भी नहीं पता होगा

हिंदू धर्म में, मंदिर जाते समय या पूजा करते समय अक्सर अपने सिर को कपड़े से ढकने की सलाह दी जाती है।इसे शुभ माना जाता है।कहा जाता है कि इससे व्यक्ति को पूजा का पूरा लाभ मिलता है।लेकिन असल में इसके पीछे क्या कारण है और इसके क्या फायदे हैं।इसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं।तो आइए आज हम आपको अपने इस लेख में इसकी असली वजह बताते हैं।

गरुड़ पुराण के अनुसार पूजा या कोई भी शुभ कार्य करते समय सिर को ढक कर रखना चाहिए।क्योंकि इससे दिमाग एकाग्र रहता है।ऐसा माना जाता है कि सिर ढकने से हमारा ध्यान नहीं भटकता।जिससे पूजा पर पूरा फोकस रहता है।इस नियम का पालन करने से व्यक्ति को दोगुना भाग्य प्राप्त होता है।

शास्त्रों के अनुसार पूजा के दौरान सिर ढंकना भगवान के सम्मान का प्रतीक है।कहा जाता है कि महिलाओं को बड़ों के सामने अपने सिर पर शर्म आती है।उसी तरह भगवान के समर्थन के लिए सिर ढका हुआ है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंदिर में पूजा या दर्शन करते समय सिर ढकने से हम नकारात्मक शक्तियों से बच सकते हैं।क्योंकि बालों के माध्यम से नकारात्मक शक्तियां हमें अपनी ओर आकर्षित करती हैं।सिर ढकने से सकारात्मक विचार भी दिमाग में आते हैं।

ऐसा कहा जाता है कि आकाश में हमेशा कई तरह की तरंगें होती हैं, जिनमें से कुछ नकारात्मक होती हैं।जब हम तेवा पूजा के दौरान भगवान का ध्यान करते हैं, तो वे तरंगें भी हमें अपनी ओर आकर्षित करती हैं।सिर पर कपड़ा न होने के कारण उसमें मौजूद हानिकारक तत्व सिर से हमारे शरीर में प्रवेश कर जाता है, जिससे व्यक्ति क्रोधित हो जाता है।

सिर ढककर पूजा करने का एक और कारण है वातावरण को सकारात्मक बनाना।ऐसा माना जाता है कि सिर ढकने से दिमाग बदल जाता है।ऐसा करने से व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है।इससे व्यक्ति के शरीर से निकलने वाली ऊर्जा से आसपास का वातावरण सकारात्मक रहता है।

शास्त्रों के अनुसार पूजा में काले रंग का प्रयोग वर्जित माना गया है।क्योंकि यह नकारात्मकता का प्रतीक है।हालांकि हमारे बाल काले हैं।तेवा में यह पूजा के मार्ग में बाधा डालता है।इस समस्या से बचने के लिए पूजा के दौरान सिर को ढककर रखना चाहिए।

पूजा करते समय सिर ढकने का दूसरा कारण यह है कि इससे आपका दिमाग एकाग्र रहता है।आप भगवान से बेहतर तरीके से जुड़ सकते हैं।शास्त्रों के अनुसार सभी व्यक्ति समान हैं, इसलिए पूजा के समय स्त्री और पुरुष दोनों को अपने सिर पर कपड़े पहनने चाहिए।

सिर ढककर पूजा करने के पीछे वैज्ञानिक कारण भी है।ऐसा कहा जाता है कि अपने सिर को ढककर ओवन में बैठने से आपके शरीर के तापमान को आग की लपटों से नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

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