माथे पर तिलक देखकर मन में सवाल उठता है कि आखिर में तिलक लगाने से क्या फायदा। क्या यह सिर्फ दूसरों के सामने दिखावा करने के लिए है या तिलक लगाने का कोई वैज्ञानिक आधार है? वास्तव में तिलक लगाने के पीछे आध्यात्मिक लाभ के साथ-साथ अन्य लाभ भी हैं। चंदन, कंकू, मिट्टी हल्दी, भस्म आदि पर तिलक लगाने की प्रथा है।
यदि कोई व्यक्ति तिलक का लाभ लेना चाहता है, लेकिन दूसरे व्यक्ति को यह नहीं दिखाना चाहता कि उसने तिलक लगाया है, तो शास्त्र भी उपाय बताते हैं। ऐसा कहा जाता है कि ऐसे मामलों में माथे पर पानी से तिलक करना चाहिए। लोगों से सीधे कुछ लाभ प्राप्त करना बहुत आसान है।
तिलक लगाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। लोग तिलक तभी लगाते हैं जब वे घर में किसी धार्मिक कार्यक्रम या पूजा में शामिल होते हैं। आमतौर पर लोग तिलक नहीं लगाते हैं। आधुनिक युग में तिलक लगाने की परंपरा अब लुप्त हो गई है। लोगों को तिलक पुराना लगता है। लेकिन आप शायद नहीं जानते होंगे कि तिलक न सिर्फ आपके शरीर के लिए बल्कि आपके मानसिक विकास और सेहत के लिए भी है।
माथे पर तिलक लगाना धार्मिक ही नहीं मनोवैज्ञानिक कारण भी है। ऐसा करने से तन और मन दोनों को शांति मिलती है। इसलिए जब भी मौका मिले अपने माथे पर तिलक लगाने की कोशिश करें। आज हम यहां तिलक लगाने के फायदों के बारे में जानेंगे।
तिलक लगाने से व्यक्तित्व प्रभावशाली बनता है। दरअसल तिलक का मनोवैज्ञानिक प्रभाव होता है। क्योंकि इससे व्यक्ति का आत्मविश्वास और आत्मविश्वास बहुत बढ़ जाता है।
माथे पर नियमित तिलक लगाने से मस्तिष्क प्रफुल्लित होता है। हम शांति का अनुभव करते हैं। तिलक हमें कई तरह के मानसिक रोगों से बचाता है।
मस्तिष्क संतुलित तरीके से सेरोटोनिन और बीटा एंडोर्फिन का स्राव करता है। जो उदासी को दूर कर मन में उत्साह जगाती है। यह उत्साह लोगों को अच्छे कर्म करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
इससे सिरदर्द का खतरा कम हो जाएगा।
हल्दी का तिलक लगाने से त्वचा साफ होती है। हल्दी में एंटी-बैक्टीरियल तत्व होता है, जो बीमारियों को दूर करता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चंदन का तिलक लगाने से मानव पापों का नाश होता है। लोग कई तरह के संकटों से बच सकते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार तिलक लगाने से ग्रहों की शांति भी होती है।
ऐसा माना जाता है कि चंदन का तिलक लगाने से घर में अन्न और धन की प्राप्ति होती है और सौभाग्य की वृद्धि होती है।
ध्यान शुरू करने से पहले ऋषि मुनि और योगी अपने माथे पर तिलक लगाते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस बिंदु पर माथे में अजनचक्र में मौजूद भीड़ से जुड़ी सभी नसों का द्रव्यमान होता है। इसलिए माथे पर तिलक लगाने से मानसिक एकाग्रता बढ़ती है और दिमाग शांत रहता है।