जीवन में खुश रहने का सबसे सरल मंत्र महाभारत में कहा गया है, अगर आप जीवन में दुखी हैं और खुश रहना चाहते हैं तो जरूर पढ़ें - My Ayurvedam

जीवन में खुश रहने का सबसे सरल मंत्र महाभारत में कहा गया है, अगर आप जीवन में दुखी हैं और खुश रहना चाहते हैं तो जरूर पढ़ें

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महाभारत में ऐसे कई पात्र हैं जो आज भी याद किए जाते हैं।हम बात कर रहे हैं विदुर की, जो हस्तिनापुर के प्रधानमंत्री के तौर पर जाने जाते थे।महाभारत में ऐसी कई नीतियों का उल्लेख है जो आज भी लोगों के काम आ सकती हैं।यदि नीतियों का पालन किया जाए तो मनुष्य किसी भी समस्या का समाधान आसानी से खोज सकता है।विदुर में ऐसी कई बातों का जिक्र है, जिन्हें मानव जीवन का सबसे बड़ा सुख माना जाता है।

जो लोग अपने और अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए आत्मनिर्भर होते हैं, वे बहुत खुश माने जाते हैं।बहुत से लोग अपनी आजीविका के लिए दूसरों पर निर्भर हैं।ऐसे लोगों का न तो दूसरों की नजर में स्वाभिमान होता है और न ही सम्मान।

उधार न लें
ऐसा कहा जाता है कि मनुष्य को अपनी इच्छाओं को अपनी आय के अनुसार सीमित करना चाहिए।लोग अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए दूसरों से उधार लेते हैं और अपने कर्ज का भुगतान नहीं कर सकते हैं।ऐसा करने से उन्हें और उनके परिवार को भी नुकसान होता है।धन्य हैं वे जो कर्ज से मुक्त हैं।
अपने ही देश में रहना

लोग अपना देश छोड़कर विदेश में क्यों रहते हैं इसके कई कारण हैं।ऐसा करने की वजह जो भी हो, अपने ही देश में रहने का शौक कहीं और नहीं मिलता।इसके अलावा अपना देश छोड़कर दूसरे देश में रहने से भी अपराध बोध होता है।

स्वस्थ रहने
हमेशा स्वस्थ रहना मानव जीवन का सबसे बड़ा आशीर्वाद है।रोगों से ग्रसित मनुष्य को अनेक कष्टों का सामना करना पड़ता है।बीमार व्यक्ति कोई भी काम ठीक से नहीं कर पाता।ऐसे जातक को शरीर के साथ-साथ धन की हानि भी उठानी पड़ती है।साथ ही बीमार व्यक्ति को अपना जीवन जीने के लिए दूसरे लोगों पर निर्भर रहना पड़ता है।ऐसा व्यक्ति शरीर के सहारे के बिना अपनी मर्जी से कोई भी काम नहीं कर सकता।
अच्छी संगत

हर कोई जानता है कि बुरी संगत से बुरे नतीजे आ सकते हैं।दृष्टिबाधित और हिंसक लोगों के संपर्क में रहने वाले मनुष्य को आगे चलकर काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।इसलिए अच्छे लोगों से दोस्ती करने वाले बहुत खुश होते हैं।

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