सबसे शक्तिशाली माने जाने वाला यह रत्न रातों-रात सौभाग्य लाता है, लेकिन इस राशि के लोगों को इसे नहीं पहनना चाहिए। - My Ayurvedam

सबसे शक्तिशाली माने जाने वाला यह रत्न रातों-रात सौभाग्य लाता है, लेकिन इस राशि के लोगों को इसे नहीं पहनना चाहिए।

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रत्न विज्ञान में नीलम को अत्यंत शक्तिशाली और प्रभावशाली रत्न कहा गया है।नीलम को शनिदेव का व्रत कहा जाता है।रत्नों में कहा गया है कि नीलम इतना शक्तिशाली होता है कि महज 3 घंटे में अपना असर दिखाना शुरू कर देता है।

यदि कोई जातक राशि के लिए शुभ हो अर्थात कुण्डली में सूट हो तो वह सफलता के शिखर पर होता है और यदि वह अशुभ हो अर्थात अनुकूल न हो तो राजा को भिखारी बनने में देर नहीं लगती।इसलिए सलाह दी जाती है कि अपनी कुंडली दिखाकर किसी ज्योतिषी की सलाह पर ही लें।

ज्योतिष शास्त्र में नीलम को भाग्य का रत्न कहा गया है।यह धन का कारण है।व्यापार और नौकरी में सफलता देता है।
नेतृत्व बनाए रखता है।
दूरदर्शिता उच्च है।
धन लाभ।
कार्य कौशल बनाता है।
समाज में शीघ्र ही प्रचार-प्रसार हो जाता है।
रोगों से मुक्ति दिलाता है।
नीलम किसे धारण करना चाहिए?

ज्योतिष के अनुसार वृष, मिथुन, कन्या, तुला, मकर और कुम्भ नीलम धारण कर सकते हैं।इस राशि के स्वामी के साथ शनि मित्रवत है और इसीलिए नीलम धारण करने से इस राशि पर शुभ फल मिलते हैं।वृषभ और मकर राशि के लोगों को शनि राशियों को छोड़कर नीलम पहनने की सलाह दी जाती है।

जिनकी कुण्डली में शनि कमजोर, टेढ़ा या नीच और शुभ भाव में नीच का हो तो ऐसे जातक को नीलम शुभ फल की प्राप्ति होती है।यदि आपकी कुंडली में शनि चौथे, पांचवें, दसवें और ग्यारहवें स्थान में है तो आपको जातक ज्योतिषी की सलाह पर नीलम धारण करना चाहिए।शनि की महादशा, अंतर्दशा, ढैया या सदाशती का समय चल रहा हो तो नीलम धारण करने की सलाह दी जाती है।
नीलम किन लोगों को नहीं पहनना चाहिए

वैदिक ज्योतिष क्या कहता है कि मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक, धन और मीन राशि वाले लोगों को नीलम नहीं पहनना चाहिए।दरअसल इसके पीछे तर्क यह है कि शनिदेव की इन सभी राशियों के स्वामी से शत्रुता है, जिसके कारण नीलम इन राशियों के वंशजों को शुभ फल नहीं देता है।

इस राशि के जातक यदि नीलम धारण कर लें तो उनके जीवन में संकट आ सकता है।इन लोगों को धन की हानि के साथ-साथ पारिवारिक दुःख भी सहना पड़ता है।

मिथक नीलम के शुभ और अशुभ प्रभावों का न्याय करने की एक सामान्य प्रक्रिया दिखाते हैं।रात को सोते समय नीलम को तकिये के नीचे रखें।अगर सोते समय बुरे सपने नहीं आते हैं तो नीलम धारण कर सकते हैं, स्वास्थ्य सामान्य रहेगा और चेहरे में कोई बदलाव नहीं आएगा।यदि आपको उपरोक्त में से कोई भी समस्या है तो आपको नीलम पहनने का जोखिम नहीं उठाना चाहिए।

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