नीम के पेड़ को आयुर्वेदिक गुणों की खान माना जाता है। इसकी पत्ती से लेकर छाल तक रोगों को दूर करने में सक्षम होती है। नीम के गुणों का लाभ उठाने के लिए इसके बारे में जान लेना जरूरी है। नीम जहां अपने आसपास के माहौल को शुद्ध और सेहत के अनुकूल बनाए रखती है। इसकी पत्तियां, टहनियां अनेक बीमारियों को दूर करने में दवा का काम करती हैं। भारतीय वेदों में नीम का नाम सर्व रोग निवारणी रखा गया है। इसका अर्थ होता है ‘सभी बीमारियों को रोकने वाला’। नीम की दो प्रजातियां होती है। एक मीठी नीम और दूसरा कड़वा नीम। दोनों में ही भरपूर मात्रा में औषधीय गुण पाए जाते हैं लेकिन कड़वे नीम आयुर्वेद के लिहाज से अधिक लाभकारी होता है और इसका इस्तेमाल औषधि बनाने में अधिक होता है।
नीम के तेल के इस्तेमाल से आपके स्कैल्प पर हो रहे इंफेक्शन खत्म हो जाते हैं। बालों का झड़ना रुक जाता है। नियमित रूप से नीम का तेल प्रयोग करने से बाल जल्दी बढ़ते हैं। नीम के पत्तों का धुआं करने से या फिर नीम का तेल लगाने से मच्छरों से बचाव होता है। त्वचा से संबंधित समस्या है तो पानी में दो बूंद नीम का पानी डाल कर नहाएं। नीम का पानी तैयार करने के लिए आधा लीटर पानी में 50 ग्राम नीम के पत्तों को खूब उबालें और फिर छान कर एक बोतल में रख लें।
चेहरे पर हो रहे कील मुहासों को दूर करने के लिए नीम के पत्तों को पीस कर पेस्ट बना लें और इसे चेहरे पर लगाएं। थोड़ी देर बाद चेहरा धो लें। ऐसा नियमित रूप से करने पर त्वचा चमक जाएगी। अगर भूख न लगने की समस्या हो या फिर खाने की इच्छा न होती हो तो नीम की कोमल पत्तियों को घी में भून कर खाएं। कुछ दिन लगातार ऐसा करने से भूख लगनी शुरू हो जाएगी और बदहजमी दूर होगी।
नीम दांतों की किसी भी बीमारी को दूर करने के लिए नीम के रस में सेंधा नमक मिला कर मंजन करने या इसकी कोंपलों को पानी में उबाल कर कुल्ला करें। जल्द ही बेहतर रिजल मिलेगा। नीम के तेल में थोड़ा-सा कपूर मिला कर लगाने से पुराने से पुराना घाव भर जाता है।