एक हजार साल पुराना शिवलिंग भारत के छत्तीसगढ़ राज्य की राजधानी रायपुर से 340 किलोमीटर दूर चित्रकोट जलप्रपात से महज 500 मीटर की दूरी पर स्थित है।
यह शिवलिंग 08.04 फीट लंबा और 07.09 फीट चौड़ा है। बता दें कि इतना बड़ा शिवलिंग कहीं और नहीं मिलता। इस जगह को सिदाईगुडी भी कहा जाता है।
मंदिर को पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित किया गया है। विभाग का उल्लेख है कि इस शिवालय का निर्माण 11वीं शताब्दी में चकरकोट के छिंदक नागवंशी शासकों के शासन में हुआ था। इस मंदिर के पुरातात्विक महत्व के कारण हर साल महाशिवरात्रि के अवसर पर यहां तीन दिवसीय चित्रकोट मेला लगता है। और यहां दूर-दूर से लोग आते हैं।
मंदिर के पुजारी जुगधर ठाकुर का कहना है कि चित्रकोट राजा हरिश्चंद्र के शासनकाल में एक वेश्या इस शिवलिंग पर पूजा करने आई थी और राजा की आज्ञा नहीं मानी और वापस महल में नहीं लौटी।
तो क्रोधित राजा ने वेश्या को बांधने का आदेश दिया लेकिन जब सैनिक वेश्या को पकड़ने गए तो सुदर्शन चक्र उसके सिर पर घूमने लगा। यह देख सिपाही भाग गए। तभी से इस जगह को चक्रकोट के नाम से जाना जाता है।
श्रावण मास में इस मंदिर में शिवलिंग का विशेष श्रृंगार किया जाता है। फूल, धतूरा, बेलपत्र आदि से सजाकर अभिषेक किया जाता है। पुजारी के अनुसार यहां पहुंचने वाले तीर्थयात्रियों को कभी निराश नहीं लौटना पड़ता उनका कहना है कि यहां लोग कई महीनों तक आते हैं।