भारत में ऐसे कई मंदिर हैं जिनकी अपनी गाथा और महत्व है. कई मंदिर ऐसे हैं जो रहस्य से भरे हुए हैं. सभी मंदिरों के पीछे कुछ न कुछ रोचक कहानी जुड़ी है. इन्हीं में से एक है राजस्थान के दौसा जिले के पास स्थित मेंहदीपुर बालाजी मंदिर. मेहंदीपुर बालाजी मंदिर (Mehandipur Balaji Temple) लोगों के बीच काफी प्रचलित है. दूर-दूर से लोग यहां बाला जी महाराज (Bala Ji Maharaj) के दर्शन को आते हैं. दो पहाड़ियों के बीच स्थित इस मंदिर की बहुत मान्यता है. यहां बहुत विचित्र चीजें देखने को मिलती हैं. यहां देशभर से लोग भूत-प्रेत की बाधा से मुक्ति पाने के लिए बाला जी महाराज के चरणों में आते हैं.
मेहंदीपुर बालाजी में प्रेतराज सरकार और भैरवबाबा यानी की कोतवाल कप्तान की प्रतिमा है. कहते हैं यहां हर रोज 2 बजे पेशी यानि जिन लोगों पर ऊपरी साया है उसे दूर करने के लिए कीर्तन होता है. यहां और भी कई तरह की विचित्र बातें प्रचलित हैं. कहते हैं यहां के प्रसाद को घर नहीं लाया जा सकता. आइए जानते हैं इससे जुड़ी और रहस्यमई बातें.
मेहंदीपुर बालाजी की रहस्यमई बातें (Mysterious Things Of Mehandipur Balaji)
1. मान्यता है कि मेंहदीपुर बालाजी मंदिर के किसी भी प्रसाद को नहीं खाना चाहिए. इतना ही नहीं, यहां के प्रसाद को घर लाने से भी मना किया जाता है. और न ही किसी को दे सकते हैं. ऐसी लोक मान्यता है कि अगर आप यहां से किसी चीज को घर लेकर जाते हैं तो आपके ऊपर बुरी साया का असर आ जाता है.
2. मेंहदीपुर बालाजी मंदिर की एक खास बात यह है कि बालाजी की छाती के बीच में एक छेद है, जिसमें से लगातार पानी बहता रहता है. मान्यता है कि इसे बालाजी का पसीना कहा जाता है.
3. इस मंदिर में भगवान हनुमान बाल रूप में मौजूद हैं. मेंहदीपुर बाला जी के समीप भगवान राम और माता सीता की मूर्ति है, जिसके हनुमान जी हमेशा दर्शन करते रहते हैं.
4. कहते हैं कि भूत-प्रेत की बाधाओं और नकारात्मकक बुराइयों से बचने के लिए प्रेतराज सरकार के दरबार में हर रोज 2 बजे कीर्तन होता है. यहां पर भैरवबाबा की मूर्ति है. जहां जाकर सभी को नकारात्मक बाधाओं से मुक्ति मिल जाती है.
5. मान्यता यह भी है कि मेंहदीपुर बालाजी मंदिर आने वाले सभी लोगों को एक सप्ताह तक अंडा, मांस, शराब, लहसुन और प्याज का सेवन बंद करना पड़ता है. ये नियम यहां के सभी भक्तों के लिए होता है.